काठमाण्डू में नेपाल प्रज्ञा–प्रतिष्ठान और भानु प्रतिष्ठान द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित भानु जयंती कार्यक्रम को संबोधित करते हुए प्रतिनिधि सभा के सभामुख देवराज घिमिरे ने कहा कि आदिकवि भानुभक्त आचार्य ने नेपाली भाषा, साहित्य और संस्कृति को एकजुट करने में अत्यंत महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
सभामुख ने कहा कि विश्वभर में फैली नेपालीभाषी समुदाय इस महान कवि को उनके अतुलनीय योगदान के लिए श्रद्धा से स्मरण करती है। उन्होंने नेपाली भाषा को अन्तरराष्ट्रीय स्तर पर और अधिक प्रचारित करने की आवश्यकता पर भी बल दिया।
कार्यक्रम में शिक्षा, विज्ञान एवं प्रविधि मन्त्री रघुजी पन्त ने कहा कि भानुभक्त ने अपनी ऐतिहासिक रचना रामायण के माध्यम से नेपाली भाषा के प्रचार–प्रसार में अहम भूमिका निभाई। उनके अनुसार, कवि ने नेपाली भाषा को आज के स्तर तक पहुँचाने में ऐतिहासिक योगदान दिया।
नेपाल प्रज्ञा–प्रतिष्ठान के कुलपति भूपाल राय ने राष्ट्रपति रामचन्द्र पौडेल द्वारा विभिन्न भाषाओं के कवियों की मूर्तियाँ तनहुँ में निर्माण कराने की पहल की सराहना की, जिसमें आदिकवि की प्रतिमा भी शामिल है।
साहित्यकार तुलसी दिवासा, जिन्हें कार्यक्रम में सम्मानित किया गया, भानु साहित्य प्रतिष्ठान के अध्यक्ष डॉ. नवराज लम्साल और प्रतिष्ठान के सदस्य सचिव डॉ. धनप्रसाद सुवेदी ने भानुभक्त आचार्य को नेपाली भाषा, साहित्य और संस्कृति के माध्यम से जन–एकता का प्रतीक बताया।
भानुभक्त आचार्य संस्कृत में रचित रामायण के नेपाली अनुवाद के लिए सर्वाधिक प्रसिद्ध हैं। उनका जन्म वि.सं. १८७१ को असार २९ गते तनहुँ में हुआ था और निधन वि.सं. १९२५ को आश्विन ६ गते हुआ।