विदेश मन्त्री डॉ नारायण खड़का ने कहा है कि सरकार नेपाल-भारत प्रख्यात व्यक्तियों के समूह (ईपीजी) की रिपोर्ट स्वीकार करने को तैयार है । मंत्री डॉ खड़का ने मंगलबार को प्रतिनिधि सभा में सांसदों द्वारा उठाए गए प्रश्नों का उत्तर देते हुए कहा कि रिपोर्ट की सिफारिशों को लागू करना दोनों देशों के हित में है । मंत्री ने विश्वास व्यक्त किया कि यह ऐतिहासिक रूप से अनसुलझे मुद्दों को हल करने में मदद करेगा और नेपाल और भारत के बीच जारी द्विपक्षीय संबंधों को और मजबूत करेगा ।
दोनों देशों के बीच मौजूदा संधियों और समझौतों की समीक्षा करके नेपाल और भारत के बीच के सदियों पुराने बहु-आयामी द्विपक्षीय संबंधों को और मजबूत करने के उपायों की सिफारिश करने के लिए ईपीजी का गठन सन् २०१६ में किया गया था । समूह ने अपना कार्य पूरा करने के बाद तयार किए हुए प्रतिवेदन को नेपाल और भारत दोनों देशों ने अब तक स्विकार नहीं किया है । विशेषकर भारत ईपीजी के प्रतिवेदन को लेकर उदासिन है ।
छलफल के दौरान सांसदों ने नेपाल के विदेशी संबंधों के संचालन, गुटनिरपेक्षता, पड़ोसी देशों के साथ संबंध, सीमा सुरक्षा, सीमा प्रबंधन, विदेशी निवेश, समग्र आर्थिक कूटनीति, विदेशी रोजगार के प्रबंधन, संस्थागत क्षमता निर्माण से
संबंधित मुद्दों के साथ राजदूतों की नियुक्ति के बारे में भी प्रश्न उठाया था ।
जवाब में, विदेश मंत्री खड़का ने स्पष्ट किया कि सरकार संविधान के निर्देशों और नीतिगत व्यवस्थाओं को अपनाने और पारस्परिक लाभ के आधार पर स्वतंत्र और संतुलित विदेशी संबंधों को अपनाने की अपनी नीति पर कायम है । उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय स्वतंत्रता और हितों की रक्षा के लिए सरकार के राजनयिक प्रयास चल रहे हैं । आर्थिक कूटनीति के माध्यम से देश के सामाजिक-आर्थिक विकास में योगदान कर पारस्परिक हितों और लाभों के आधार पर पड़ोसी देशों सहित दुनिया के सभी मित्र देशों के साथ नेपाल के संबंधों को और बेहतर बनाने के काम में विदेश मन्त्रालय क्रियाशील होने की बात भी मन्त्री खड्का ने बताई ।
विदेश मंत्री ने आगे कहा कि महाकाली-पूर्व में लिंपियाधुरा सहित नेपाल के राजनीतिक और प्रशासनिक मानचित्र के आधार पर अपने जमीन को वापस लाने के लिए सरकार गम्भीर होने की बात भी बताई । इस विषय पर भारत सीमा निरीक्षण और निगरानी समिति लगातार काम कर रही है, मन्त्री ने प्रश्नों का उत्तर देते हुए स्पष्ट किया ।
मंत्री खड़का ने कहा कि नेपाल सरकार सीमा मुद्दों के बैकलॉग को दूर करने के लिए भारत के साथ बातचीत करने के लिए लगातार प्रयास कर रही है । इसी तरह, मंत्री खड़का ने स्पष्ट किया कि नेपाल और चीन के बीच द्विपक्षीय चर्चा ने सीमा पर कभी-कभी सामने आने वाली समस्याओं का समाधान किया है ।